Ekta Singh

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लेखनी कहानी -12-Jan-2023

सिसकती रात (खून के आँसू रोना)    (भाग--4)
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अखिरकार 4 बजे पुलिस पहुँची। जिधर अंजलि नहीं उसका कंकाल बचा।अगर समय से पुलिस उन लड़को की कार पकड़ लेती तो शायद उस घर की बाती नहीं बुझती।

हमारे देश का कानून और पुलिस जब सब कुछ खत्म हो जाता है तब जागती है।

निधि से जब पूछा तो उसने हर बात झूठ बताई।

अब उस कार को भी पकड़ लिया गया है। उन चारो लड़को को भी जेल मे डाल दिया है।

अब कभी तो आईपीसी की धारा 302 लगा रहे है,कभी 304?
अब निधि का कच्चा- चिठ्ठा खोल रहे है?

अब कोई अंजलि का भाई बन रहा ,बेटे का फर्ज
निभाने की बातें हो रही।

सब अपने तरीके से चैनल की टीआरपी बड़ा रहे।

लेकिन कुछ चैनल और कुछ रिपोर्टर सच मे अपनी सही ड्यूटी निभाते हैं।सारी जनता सच से वाकिफ़ कराते हैं।

अंजलि के परिवार की कोई हेल्प नहीं कर रहा।
सिर्फ बातें -बातें हो रही है।थोड़े दिन बाद वो कार वाले भी छोड़ दिए जायेगे।निधि का केस भी बंद हो जाएगा।
चारो तरफ से पैसा खा लिया जायेगा। 

अंजलि के परिवार से किसी को कोई मतलब नहीं कि उस बीमार माँ और  दोनों भाई का क्या होगा?
और पुलिस अपनी बात छुपाने के लिए ऐसे ही गुमराह करती रहेगी।क्योंकि उनके खिलाफ तो कोई एक्शन लेगा नहीं?

थोड़े दिन बाद ये केस बंद हो जाएगा जैसे और केस बंद पड़े हैं।

उस माँ पर क्या बीती होगी?"वह अब खून के आँसू रो रही है" क्योंकि जब उसे पता चला कि उसकी बेटी का अंतिम संस्कार करते समय उसके शरीर में कुछ बचा ही नहीं था।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया कि पीठ के पीछे को सारा हिस्सा खत्म हो गया।
अभी सर का पीछे वाला हिस्सा भी नहीं मिला।इतनी दर्दनाक मौत भगवान किसी को ना दे।

मैं पुलिस से यह पूछना चाहती हूँ कि वह क्यूँ प्रतिदिन अपनी वर्दी पर दाग लगवा रहे है???

 कृपया करके थोड़ी ड्यूटी भी निभा ले।

आप देश के रक्षक हैं भक्षक मत बने

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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1 Comments

अदिति झा

15-Jan-2023 06:21 PM

Nice 👍🏼

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